Royegi aankh muskurane ke baad :(
Popey che tame ............ तेरी बेरुखी ने छीन ली हैं शरारतें मेरी...लोग समझते हैं मैं सुधर गया हूँ
Wednesday, January 03, 2024
TU BHI AAiney ki tarah BEFWA nikla
Tuesday, January 03, 2023
कौन कहता है तेरी याद से बेख़बर हूँ मैं
Monday, January 03, 2022
बड़े करीब से उठकर चला गया कोई..
न हाथ थाम सके, न पकड़ सके दामन,
बड़े करीब से उठकर चला गया कोई...
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Aapke bhikre hue sirf baal hai sahab
hamari to zindagi ka yehi haal hai
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Bichadne bhar ki der thi bas
zamane bhar ki burai mujh mein aa gayi.
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Ishara to madad ka kar raha tha magar
yaara saahil ne salama alvida samjha
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कभी आओ तो मातम करें जुदाई का ..!
तुम्हारे साथ मनायें, तुम्हारे बाद का दुःख ..!!
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हकीकत की रस्सियों पर लटककर.!!
जाने कितने ख्वाब खुदकशी कर गये.!!!
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Chahta hun keh bhool jaon tumhain
aur khud bhi na yaad aaon tumhain
jaisey tum sirf ik kahani thein
jaisey mein sirf ik fasana tha
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Hasratein dafan hai mujh mai, Khud ka khud mazar hun mai.
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Ye mujhe chain q ni padhta,
ek hi shaqs tha jahan me kya
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उसकी जुस्तजू, उसका इंतज़ार और ये अकेलापन,
थक कर मुस्कुरा देते हैं जब रोया नही जाता . . .
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मैं घर में एक कमरा रखूंगा,
दूंगा नाम तेरा और उसे तन्हा रखूंगा…
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अंदर के हादसों पे किसी की नज़र नहीं,
हम मर चुके हैं और हमें इस की ख़बर नहीं
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कुछ न रह सका जहां वीरानियाँ तो रह गई,
तुम चले गये तो क्या कहानियाँ तो रह गई…
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यानी ये ख़ामोशी भी किसी काम की नहीं,
यानी मैं बयां करके बताऊँ कि उदास हूँ…
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ख़ामोशी का हासिल भी इक लम्बी सी ख़ामोशी है
उन की बात सुनी भी हमने अपनी बात सुनाई भी!
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कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूं,
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की
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वो मुझ को टूट के चाहेगा छोड़ जाएगा,
मुझे ख़बर थी उसे ये हुनर भी आता है…
Sunday, January 03, 2021
आज तुम याद बे-हिसाब आए
कर रहा था ग़म-ए-जहाँ का हिसाब
Friday, January 03, 2020
वो कच्चा रिश्ता, पक्के रंग छोड़ गया...!!!
जिंदगी की
पुरानी किताब को
जो था वो मैं रहा नहीं
जो हूँ वो
किसी को पता नहीं
Wo ishq jo humse seekha tha,
Wo ab tum kisse karte ho.
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ना जाने कौन सी दौलत है आपके लफ़्जों में
बात करते हो तो दिल खरीद लेते हो।
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रह चुके है जो इश्क़ में बेसब्र,
सब्र करना उन्हीं को आता ये कश्मकश है ज़िंदगी की,
कि कैसे बसर करें!
ख्वाहिशे दफ़न करे,
या चादर बड़ी करें!
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Woh jhooth bolegi aur lajawab kar degi,
Main sach kahunga, phir bhi haar jaunga.
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या तो हमें मुकम्मल चालाकियां सिखाई जाए,
नहीं तो मासूमों की अलग बस्तियाँ बसाई जाए।
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तुम्हारा सिर्फ हवाओं पे शक़ गया होगा
चिराग़ खुद भी तो जल-जल के थक गया होगा.
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हसरते यू लिपट के रोती है..
जिंदगी इक मज़ार हो जैसे..!
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aaj phir neend ko aankho se bichadte dekha ...
aaj phir yaad koi chot puraani aayi ...
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अब जवाबों का इंतज़ार नहीं करता..
मैंने सवालों को बहलाना सीख लिया है..
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मीलों का सफर पल में बर्बाद कर गया.!
उसका ये कहना कहो कैसे आना हुआ.!!
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ग़म तो जनाब फ़ुरसत का शौक़ है,
ख़ुशी में वक्त ही कहाँ मिलता है।
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ग़ुज़री तमाम उम्र, उसी शहर में जहाँ,
वाक़िफ़ सभी तो थे मगर पहचानता कोई न था
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क्या लिखूँ अपनी जिंदगी के बारे में.
वो लोग ही बिछड़ गए. जो जिंदगी हुआ करते थे !!
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मेरे तबाह होने की मुराद रखता है कोई
चलो, इस ही बहाने हमें याद रखता है कोई...
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दोनों ने ही छोड़ दी फ़िक्र,
उसने मेरी, मैनें ख़ुद की...!
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दिखावे की मोहब्बत का बाज़ार चलता है यहाँ...
सच्चे एहसास रोज खुदखुशी करते है...!!
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नजर नमाज नजरिया सब कुछ बदल गया,
एक रोज इश्क़ हुआ और मेरा खुदा बदल गया।
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देख लो ... दिल पर कितने ज़ख़्म हैं....!
तुम तो कहते थे.... इश्क़ मरहम है..!!
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तुम शहर की रिवायत से अंजान हो दोस्त...!"
यहां याद रहने के लिए याद दिलाना पड़ता है...!!
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वो कच्चा रिश्ता,
पक्के रंग छोड़ गया...!!!
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बहुत भीड़ है, इस मुहब्बत के शहर में...
एक बार जो बिछड़ा ,वो दोबारा नहीं मिलता...
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तुझे क्या देखा, खुद को ही भूल गए हम इस क़दर
कि अपने ही घर आये तो औरों से पता पूछकर..
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मतलब निकल जाने पर पलट के देखा भी नही तुमने..!
रिश्ता तुम्हारी नज़र में कल का अखबार हो गया..!!
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दहलीज़ पे खड़ा हूँ नए साल की,
अब पैबंद बदल दे मेरे हाल की...
Thursday, January 03, 2019
तुमसे मिले बग़ैर दिसम्बर चला गया
तुमसे मिले बग़ैर दिसम्बर चला गया
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"सीख कर गया वो मुहब्बत मुझसे..
अब जिस से भी करेगा बेमिसाल करेगा.”
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जो चल सको तो कोई ऐसी चाल चल जाना,
मुझे गुमाँ भी ना हो और तुम बदल जाना...
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मुझे भी शामिल करो, गुनहगारों की महफ़िल में,,,,
मैं भी क़ातिल हूँ, मैंने भी अपनी ख्वाहिशों को मारा है,,,।।
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ड़ी अजीब है ये मोहब्बत भी , मुक्कमल हो तो जिक्र भी नहीं,
अधूरी हो तो दास्ता बन जाती हैं
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जब कुछ नहीं रहा पास तो रख ली तन्हाई संभाल कर मैंने,
ये वो सल्तनत है जिसके बादशाह भी हम, वज़ीर भी हम, फकीर भी हम..
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अब तो ख़ुद अपनी ज़रूरत भी नहीं है हम को,
वो भी दिन थे कि कभी तेरी ज़रूरत हम थे
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दे गया.....
ख़ामोशी बहुत
यूँ.......बिछड़ कर जाना
तेरा.....
इस से तो बेहतर...
........था.....
ज़िन्दगी में ना.........
आना तेरा........
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वक़्त ओर हालात रिश्ते बदल
देते हैं,
अब तेरा जिक़र होने पर हम बात
बदल देते हैं...
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हम वो हैं जो ख़ुद को भूल गए,
तुम मेरी जान किस गुमान में हो...
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जो लोग मौत को ज़ालिम क़रार देते हैं,
ख़ुदा मिलाए उन्हें ज़िंदगी के मारों से...
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मिलने की तरह मुझ से वो पल भर नहीं मिलता
दिल उस से मिला जिस से मुक़द्दर नहीं मिलता
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भुला देंगे तुमको भी ज़रा सबर तो करो,
नस नस में बसे हो, थोड़ा वक़्त तो लगेगा...
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एक सुकून की तलाश मे जाने कितनी बेचैनियां पाल ली,
और लोग कहते है हम बडे हो गए हमने जिंदगी संभाल ली.
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देखी थी दरार आज आईने में,
पता नही आइना टूटा था या मैं...
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ग़र ज़िन्दगी में मिल गये फिर इत्तेफाक से
पूछेंगे अपना हाल तेरी बेबसी से हम
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हिसाब-किताब हम से न पूछ
अब, ऐ-ज़िन्दगी..
तूने सितम नही गिने,
तो हम ने भी ज़ख्म नही गिने...!
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कमाल की मोहब्बत की तुमने
जान जान कहते कहते अनजान बना दिया।
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आ तेरे पैरों पे मरहम लगा दूँ ऐ मुकद्दर...
कुछ चोट तुझे भी आई होगी, मेरे सपनो को ठोकर मारने के बाद…
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आप साल बदलता
देख रहे है,,,
मैने साल भर
लोगों को बदलते देखा है...
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मत खोलना
जिंदगी की
पुरानी किताब को
जो था वो मैं रहा नहीं
जो हूँ वो
किसी को पता नहीं
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तनहाइयों से इस क़दर मोहब्बत हो गयी हमें कि,
अपना साया भी साथ हो तो भीड़ सी लगती है...
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खो देते हैं, फिर खोजा करते हैं,
यही खेल हम जिन्दगी भर खेला करते हैं..
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बहुत करीब से अंजान बनके गुज़रे है वो,
जो बहुत दूर से, पहचान लिया करते थे...!
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कितनी मुश्किल के बाद टूटा है,
इक रिश्ता कभी जो था ही नहीं
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दो ही गवाह थे मेरी मोहब्बत के
एक वक्त और एक वो,
एक गुज़र गया
दूसरा मुकर गया।
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dard halka hai saans bhaari hai
Jiye jaane ki rasm jaari hai
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रोज़ ख्वाबों में जीता हूँ वो ज़िन्दगी …!!!
जो तेरे साथ मैंने हक़ीक़त में सोची थी...!!
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हम तो यूं अपनी ज़िन्दगी से मिले,
अजनबी जैसे अजनबी से मिले।
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उसके बिना ज़िंदा रहना भी जैसे कोई होशियारी है
मजबूरियां का वास्ता था और बाकी ज़िम्मेदारी है।
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Wednesday, January 03, 2018
ना खुद मरते है.... ना हमे मरने देते है.....
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सुना था मोहब्बत मिलती है, मोहब्बत के बदले|
हमारी बारी आई तो, रिवाज ही बदल गया.
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""Hum Rakhty Hain Taaluq To Nibhaty Hain Umar Bhar,
""Hum Se Badla Nahi Jata Yaar Bhi Pyar Bhi"
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बदलते इंसानों की बात हमसे न पूछो।
हमने अपने हमदर्द को हमारा दर्द बनते देखा है।
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इस अजनबी शहर में ये पत्थर कहाँ से आया ?
लगता है लोगों की इस भीड़ में कोई अपना जरूर है ...
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खफा नहीं है हम ज़िन्दगी तुझसे
बस जरा सा दिल लगा बैठे है इन "उदासियों" से..
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"उस मोड़ से शुरू करनी है फिर से जिंदगी...,,,
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जहाँ सारा शहर अपना था और तुम अजनबी...!!!💘 :
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"अब किसी और से मुहब्बत करलू...,,,
.
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तो शिकायत मत करना...,,,
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ये बुरी आदत भी मुझे तुमसे ही लगी है...!!!💘 😫 💘"
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"कभी तो हिसाब करो हमारा भी...,,,
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इतनी "मोहब्बत" भला कौन देता है उधार मे...!!!💘 😞 💘"
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"रिश्वत भी नहीं लेती कम्बख्त जान छोड़ने की...,,,
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ये तेरी याद मुझे बहुत ईमानदार लगती है...!!!
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"जाने ये कैसा ज़हर दिलों में उतर गया…💔💔💔
..
..
परछाईं ज़िंदा रह गई इंसान मर गया….😢💔😢"
Tuesday, January 03, 2017
तेरे बिना जीने की आदत में अभी वक़्त लगेगा
तेरे बिना जीने की आदत में अभी वक़्त लगेगा
ye saal bhī udāsiyāñ de kar chalā gayā
tum se mile baġhair december chalā gayā
उस मोड़ से शुरू करनी है,,
फिर से जिंदगी,,,
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जहाँ सारा शहर अपना था
और तुम अजनबी..!!
बड़ी देर तक जलते हुए देखा ख़ुद को
ये भी एक शौक़ है
जो बुझता नहीं है
दर्द मुझको ढूंढ लेता है रोज़ नए बहाने से।
वह हो गया है वाकिफ़ मेरे हर ठिकाने से
Tumne naaraz hona chhod diya,
Itni naarazgi bhi theek nahi......!!!!
Sunday, January 03, 2016
मुहब्बत ज़िंदगी बदल देती है... मिल जाए तो भी... ना मिले तो भी
मैं उसके लिए तड़पना छोड़ देता हूँ और तू मेरे लिए धड़कना छोड़ दे.
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मैं जो ख्वाब सजाती गयी
ज़िन्दगी उन्हें ख्वाब बनाती गयी..
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जब भी लोगों के हँसते खिलखिलाते चेहरे देखता हुँ . . . .
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Is shahr mein jeene ke andaaz niraale hain,
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बात ये नहीं है कि, तेरे बिना जी नहीं सकते,
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ऐ दिल चल एक सौदा कर लेते है.
मैं उसके लिए तड़पना छोड़ देता हूँ
और तू मेरे लिए धड़कना छोड़ दे
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ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा भी कितना अजीब है,
शामें कटती नहीं, और साल पर साल गुज़रते चले जा रहे हैं....!!
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Koi maut se kaho hum se narazgi khatam kar le,
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एक हसरत ये भी थीं तू मेरी हो जाए और एक ये भी . . . .
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मै कोई शौक से नहीं पीता इस मयखाने में,
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यह कैसा इश्क है तेरा ,,
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हमारे इश्क की तो बस इतनी सी कहानी है,
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