Wednesday, January 03, 2024

TU BHI AAiney ki tarah BEFWA nikla

TU BHI AAiney ki tarah BEFWA nikla ,,,, jo samne aaya Usi ka HO gya….. ………………. Log patthar ke Buto ke pooj ke masoum hai Hamne ek insaan ko chaha or gungegar ho gaye..! ………………. yun to her sham umeedo me guzer jati hai aaj kuch baat hai jo shaam pe rona aya ............. Hamari Pyaas ka Andaaz bhi alag hai … Kabhi Daryaaon ko thukratay hain to kabhi Aansu tak pee jaty hain. ................... Aasman bhi ro para us waqat mere haal par jis waqt mery naseeb me usey likh mita diya. ..................... uskE pyaaR ka NashA itnA thA K logoN Ny MerA NaaM SharaBi RakH diyA .................. Ankhain khuli to jag uthi hasratain … usko bhi kho diya jisey paya tha khwab main….. ................. “Kisi” ki yaad ne Zakhamon se bhar dia seena Hr aik saans pr shak hai k Aakhari hogi !!! ………………. Mere Hathon Se Uss Ka Hath Faqat Isliye Choota”, ”Wo anmol Itni Thi K Main Uss Ki Keemat Na De Saka”,

Tuesday, January 03, 2023

कौन कहता है तेरी याद से बेख़बर हूँ मैं

कौन कहता है तेरी याद से बेख़बर हूँ मैं, ज़रा बिस्तर की सिलवटों से पूछ रात कैसे गुज़रती है… ...... आरज़ू हसरत और उम्मीद शिकायत आंसू , इक तिरा ज़िक्र था और बीच में क्या क्या निकला… ................................. आशिक़ था मेरे अंदर, कुछ साल पहले गुज़र गया, अब कोई शायर सा है, अजीब अजीब सी बातें करता है ... .................... एक मुद्दत से तेरी याद भी आई न हमें, और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं… .................. मैं हूँ भी तो लगता है कि जैसे मैं नहीं हूँ, तुम हो भी नहीं और ये लगता है कि तुम हो… ..... इतना धीरे-धीरे रिश्ता ख़त्म हुआ, बहुत दिनों तक लगा नहीं हम बिछड़े हैं… ...... कभी अर्श पर कभी फर्श पर,कभी उनके दर कभी दर ब दर, ग़म ए आशिक़ी तेरा शुक्रिया,हम कहां कहां से गुज़र गए… ........................... कुछ बातें करनी हैं तुमसे, एक शाम फ़ुरसत से आना, मैं अपने ख़याल लाऊँगा, तुम वक़्त लेते आना . . . ...... कहाँ से लाऊँ इतना सब्र, थोड़ा मिल क्यूँ नहीं जाते… ..... बहुत जुदा है औरों से मेरे दर्द की कहानी, ज़ख्म का कोई निशान नहीं और दर्द की कोई इंतहा नही.. ...... तुम्हारा साथ भी छूटा, तुम अजनबी भी हुए, मगर ज़माना तुम्हें अब भी मुझ में ढूंढता है… ............................ तुम्हारे पास तो फिर भी तुम हो, मेरे पास तो मैं भी नहीं . . ..................... आहिस्ता आहिस्ता ख़त्म हो जाएँगे, ग़म ना सही हम ही सही . . ........................ किस तरह जमा कीजिए अब अपने आपको, काग़ज़ बिखर रहे हैं पुरानी किताब के . . . ................................

Monday, January 03, 2022

बड़े करीब से उठकर चला गया कोई..

हाथ थाम सके, पकड़ सके दामन

बड़े करीब से उठकर चला गया कोई... 

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Aapke bhikre hue sirf baal hai sahab

hamari to zindagi ka yehi haal hai

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 Bichadne bhar ki der thi bas

zamane bhar ki burai mujh mein aa gayi.

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Ishara to madad ka kar raha tha magar

yaara saahil ne salama alvida samjha

 

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कभी आओ तो मातम करें जुदाई का ..!

तुम्हारे साथ मनायें, तुम्हारे बाद का दुःख ..!!

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हकीकत  की  रस्सियों  पर  लटककर.!!

जाने  कितने  ख्वाब  खुदकशी  कर गये.!!!

 

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Chahta hun keh bhool jaon tumhain

aur khud bhi na yaad aaon tumhain

jaisey tum sirf ik kahani thein

jaisey mein sirf ik fasana tha

 

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Hasratein dafan hai mujh mai, Khud ka khud mazar hun mai.

 

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Ye mujhe chain q ni padhta,

ek hi shaqs tha jahan me kya

 

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उसकी जुस्तजू, उसका इंतज़ार और ये अकेलापन

थक कर मुस्कुरा देते हैं जब रोया नही जाता . . .

 

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मैं घर में एक कमरा रखूंगा

दूंगा नाम तेरा और उसे तन्हा रखूंगा

 

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अंदर के हादसों पे किसी की नज़र नहीं

हम मर चुके हैं और हमें इस की ख़बर नहीं

 

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कुछ रह सका जहां वीरानियाँ तो रह गई

तुम चले गये तो क्या कहानियाँ तो रह गई

 

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यानी ये ख़ामोशी भी किसी काम की नहीं

यानी मैं बयां करके बताऊँ कि उदास हूँ

 

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ख़ामोशी का हासिल भी इक लम्बी सी ख़ामोशी है 

उन की बात सुनी भी हमने अपनी बात सुनाई भी!

 

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कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूं

उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की

 

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वो मुझ को टूट के चाहेगा छोड़ जाएगा

मुझे ख़बर थी उसे ये हुनर भी आता है

 

Sunday, January 03, 2021

आज तुम याद बे-हिसाब आए

कर रहा था ग़म-ए-जहाँ का हिसाब 

आज तुम याद बे-हिसाब आए 

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इक़रार है कि दिल से तुम्हें चाहते हैं हम,
कुछ इस गुनाह की भी सज़ा है तुम्हारे पास

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निकाल डालिए दिल से हमारी यादों को,
यक़ीन कीजिए हम में वो बात ही ना रही...
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ये मोहब्बत का फ़साना भी बदल जाएगा,
वक़्त के साथ ज़माना भी बदल जाएगा...
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उसी का ईमाँ बदल गया है,
कभी जो मेरा ख़ुदा रहा था 
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जादू है या तिलिस्म तुम्हारी जुबान में,
तुम झूठ कह रहे थे मुझे ऐतबार था...

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रुख़्सत हुआ तो आँख मिला कर नहीं गया,
वो क्यूँ गया है ये भी बता कर नहीं गया ...

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मैं भी उसे खोने का हुनर सीख न पाया,
उसको भी मुझे छोड़ के जाना नहीं आता...

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यही थी उम्र उदासी का लुत्फ लेने की,
गुज़र रही है जो बेकार मुस्कुराने में..
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हम थे तुम थे और कुछ जज़्बात भी तो थे,
ख़ैर छोड़ो कुछ नहीं अल्फ़ाज़ ही तो थे ...

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वही फिर मुझे याद आने लगे हैं,
जिन्हें भूलने में ज़माने लगे हैं।

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गुमान नहीं है यक़ीन है, मेरा यक़ीन करो,
कोई किसी का नहीं है मेरा यक़ीन करो...

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कलेजे में हज़ारों दाग़ दिल में हसरतें लाखों,
कमाई ले चला हूँ साथ अपने ज़िंदगी भर की 

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हसरतें दफ़्न हैं मुझ में,
ख़ुद की ख़ुद मज़ार हूँ मैं

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मैं हूँ दिल है तन्हाई है,
तुम भी होते अच्छा होता 

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वो नदी थी वापिस मूडी नहीं,
हम भी समंदर थे आगे बढ़े नहीं...

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कितनी मुश्किल से मुस्कुराया था,
फिर किसी ने मिज़ाज पूछ लिया...


Friday, January 03, 2020

वो कच्चा रिश्ता, पक्के रंग छोड़ गया...!!!

मत खोलना
जिंदगी की
पुरानी किताब को

जो था वो मैं रहा नहीं
जो हूँ वो
किसी को पता नहीं

Wo ishq jo humse seekha tha,
Wo ab tum kisse karte ho.

......

 ना जाने कौन सी दौलत है आपके लफ़्जों में
 बात करते हो तो दिल खरीद लेते हो।

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 रह  चुके  है  जो  इश्क़  में  बेसब्र,
सब्र  करना  उन्हीं  को  आता  ये कश्मकश है ज़िंदगी की,
कि कैसे बसर करें!
ख्वाहिशे दफ़न करे,
या चादर बड़ी करें!
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Woh jhooth bolegi aur lajawab kar degi,
Main sach kahunga, phir bhi haar jaunga.

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या तो हमें मुकम्मल चालाकियां सिखाई जाए,

नहीं तो मासूमों की अलग बस्तियाँ बसाई जाए।

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तुम्हारा सिर्फ हवाओं पे शक़ गया होगा

चिराग़ खुद भी तो जल-जल के थक गया होगा.

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हसरते यू लिपट के रोती है..

जिंदगी इक मज़ार हो जैसे..!

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aaj phir neend ko aankho se bichadte dekha ...

aaj phir yaad koi chot puraani aayi ...

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अब जवाबों का इंतज़ार नहीं करता..
मैंने सवालों को बहलाना सीख लिया है..

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मीलों का सफर पल में बर्बाद कर गया.!
उसका ये कहना कहो कैसे आना हुआ.!!

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ग़म तो जनाब फ़ुरसत का शौक़ है,

ख़ुशी में वक्त ही कहाँ मिलता है।

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ग़ुज़री  तमाम  उम्र, उसी  शहर  में  जहाँ,

वाक़िफ़ सभी तो थे मगर पहचानता कोई न था

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क्या लिखूँ  अपनी जिंदगी के बारे में.
वो लोग ही बिछड़ गए. जो जिंदगी हुआ करते थे !!
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मेरे तबाह होने की मुराद रखता है कोई
चलो, इस ही बहाने हमें याद रखता है कोई...

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दोनों ने ही छोड़ दी फ़िक्र,
उसने मेरी, मैनें ख़ुद की...!

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दिखावे की मोहब्बत का बाज़ार चलता है यहाँ...
सच्चे एहसास रोज खुदखुशी करते है...!!

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नजर नमाज नजरिया सब कुछ बदल गया,
एक रोज इश्क़ हुआ और मेरा खुदा बदल गया।

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देख लो ... दिल पर कितने ज़ख़्म हैं....!
तुम तो कहते थे.... इश्क़ मरहम है..!!

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तुम शहर की रिवायत से अंजान हो दोस्त...!"

यहां याद रहने के लिए याद दिलाना पड़ता है...!!

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वो कच्चा रिश्ता,
पक्के रंग छोड़ गया...!!!

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बहुत भीड़ है, इस मुहब्बत के शहर में...
एक बार जो बिछड़ा ,वो दोबारा नहीं मिलता...

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तुझे क्या देखा, खुद को ही भूल गए हम इस क़दर

कि अपने ही घर आये तो औरों से पता पूछकर..

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मतलब निकल जाने पर पलट के देखा भी नही तुमने..!

रिश्ता तुम्हारी नज़र में कल का अखबार हो गया..!!

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 दहलीज़ पे खड़ा हूँ नए साल की,

अब पैबंद बदल दे मेरे हाल की...

Thursday, January 03, 2019

तुमसे मिले बग़ैर दिसम्बर चला गया

ये साल भी उदासियाँ दे कर चला गया
तुमसे मिले बग़ैर दिसम्बर चला गया

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"सीख कर गया वो मुहब्बत मुझसे..
अब जिस से भी करेगा बेमिसाल करेगा.”

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जो चल सको तो कोई ऐसी चाल चल जाना,
मुझे गुमाँ भी ना हो और तुम बदल जाना...

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मुझे भी शामिल करो, गुनहगारों की महफ़िल में,,,,
मैं भी क़ातिल हूँ,  मैंने भी अपनी ख्वाहिशों को मारा है,,,।।

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ड़ी अजीब है ये मोहब्बत भी , मुक्कमल हो तो जिक्र भी नहीं,
अधूरी हो तो दास्ता बन जाती हैं

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जब कुछ नहीं रहा पास तो रख ली तन्हाई संभाल कर मैंने,
ये वो सल्तनत है जिसके बादशाह भी हम, वज़ीर भी हम, फकीर भी हम..

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अब तो ख़ुद अपनी ज़रूरत भी नहीं है हम को,
वो भी दिन थे कि कभी तेरी ज़रूरत हम थे

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दे गया.....
ख़ामोशी बहुत
यूँ.......बिछड़ कर जाना
        तेरा.....

इस से तो बेहतर...
      ........था.....
ज़िन्दगी में ना.........
आना तेरा........


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वक़्त ओर हालात रिश्ते बदल
देते हैं,

अब तेरा जिक़र होने पर हम बात
बदल देते हैं...

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हम वो हैं जो ख़ुद को भूल गए,

तुम मेरी जान किस गुमान में हो...


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जो लोग मौत को ज़ालिम क़रार देते हैं,
ख़ुदा मिलाए उन्हें ज़िंदगी के मारों से...

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मिलने की तरह मुझ से वो पल भर नहीं मिलता
दिल उस से मिला जिस से मुक़द्दर नहीं मिलता

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भुला देंगे तुमको भी ज़रा सबर तो करो,

नस नस में बसे हो, थोड़ा वक़्त तो लगेगा...

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एक सुकून की तलाश मे जाने कितनी बेचैनियां पाल ली,
और लोग कहते है हम बडे हो गए हमने जिंदगी संभाल ली.

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देखी थी दरार आज आईने में,
पता नही आइना टूटा था या मैं...

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ग़र ज़िन्दगी में मिल गये फिर इत्तेफाक से

पूछेंगे अपना हाल तेरी बेबसी से हम

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हिसाब-किताब हम से न पूछ
अब, ऐ-ज़िन्दगी..

तूने सितम नही गिने,
तो हम ने भी ज़ख्म नही गिने...!

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कमाल की मोहब्बत की तुमने
जान जान कहते कहते अनजान बना दिया।


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आ तेरे पैरों पे मरहम लगा दूँ ऐ मुकद्दर...
कुछ चोट तुझे भी आई होगी, मेरे सपनो को ठोकर मारने के बाद…

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आप साल बदलता
देख रहे है,,,

मैने साल भर
लोगों को बदलते देखा है...

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मत खोलना
जिंदगी की
पुरानी किताब को

जो था वो मैं रहा नहीं
जो हूँ वो
किसी को पता नहीं

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तनहाइयों से इस क़दर मोहब्बत हो गयी हमें कि,

अपना साया भी साथ हो तो भीड़ सी लगती है...

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खो देते हैं, फिर खोजा करते हैं,

यही खेल हम जिन्दगी भर खेला करते हैं..

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बहुत करीब से अंजान बनके गुज़रे है वो,

जो बहुत दूर से, पहचान लिया  करते थे...!

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कितनी मुश्किल के बाद टूटा है,

इक रिश्ता कभी जो था ही नहीं

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दो ही गवाह थे मेरी मोहब्बत के
एक वक्त और एक वो,

एक गुज़र गया
दूसरा मुकर गया।

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dard halka hai saans bhaari hai
Jiye jaane ki rasm jaari hai

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रोज़ ख्वाबों में जीता हूँ वो ज़िन्दगी …!!!
जो तेरे साथ मैंने हक़ीक़त में सोची थी...!!

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हम तो यूं अपनी ज़िन्दगी से मिले,
अजनबी जैसे अजनबी से मिले।

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उसके बिना ज़िंदा रहना भी जैसे कोई होशियारी है
मजबूरियां का वास्ता था और बाकी ज़िम्मेदारी है।

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Wednesday, January 03, 2018

 अधुरे रिश्ते हमेशा तकलीफ़ देते है....
ना खुद मरते है.... ना हमे मरने देते है.....

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 सुना था मोहब्बत मिलती है, मोहब्बत के बदले|
हमारी बारी आई तो, रिवाज ही बदल गया.

............

.
""Hum Rakhty Hain Taaluq To Nibhaty Hain Umar Bhar,

""Hum Se Badla Nahi Jata Yaar Bhi Pyar Bhi"

..........

बदलते इंसानों की बात हमसे न पूछो।
हमने अपने हमदर्द को हमारा दर्द बनते देखा है।

.......

इस अजनबी शहर में ये पत्थर कहाँ से आया ?

लगता है लोगों की इस भीड़ में कोई अपना जरूर है ...


.........
खफा नहीं है हम ज़िन्दगी तुझसे
बस जरा सा दिल लगा बैठे है इन "उदासियों" से..

.........

"उस मोड़ से शुरू करनी है फिर से जिंदगी...,,,
.
.
जहाँ सारा शहर अपना था और तुम अजनबी...!!!💘 :

.......

"अब किसी और से मुहब्बत करलू...,,,
.
.
तो शिकायत मत करना...,,,
.
.
ये बुरी आदत भी मुझे तुमसे ही लगी है...!!!💘 😫 💘"

.......

"कभी तो हिसाब करो हमारा भी...,,,
.
.
इतनी "मोहब्बत" भला कौन देता है उधार मे...!!!💘 😞 💘"

......

"रिश्वत भी नहीं लेती कम्बख्त जान छोड़ने की...,,,
.
.
ये तेरी याद मुझे बहुत ईमानदार लगती है...!!!

......



"जाने ये कैसा ज़हर दिलों में उतर गया…💔💔💔
..
..
परछाईं ज़िंदा रह गई इंसान मर गया….😢💔😢"


Tuesday, January 03, 2017

तेरे बिना जीने की आदत में अभी वक़्त लगेगा

ज़िन्दगी में रंग भरने में अभी वक़्त लगेगा
तेरे बिना जीने की आदत में अभी वक़्त लगेगा

ye saal bhī udāsiyāñ de kar chalā gayā
tum se mile baġhair december chalā gayā

उस मोड़ से शुरू करनी है,,
फिर से जिंदगी,,,
,,,
जहाँ सारा शहर अपना था
और तुम अजनबी..!!
बड़ी देर तक जलते हुए देखा ख़ुद को

ये भी एक शौक़ है

जो बुझता नहीं है


दर्द मुझको ढूंढ लेता है रोज़ नए बहाने से।
वह हो गया है वाकिफ़ मेरे हर ठिकाने से

Tumne naaraz hona chhod diya,
Itni naarazgi bhi theek nahi......!!!!



Sunday, January 03, 2016

मुहब्बत ज़िंदगी बदल देती है... मिल जाए तो भी... ना मिले तो भी

दिल चल एक सौदा कर लेते है.                       
मैं उसके लिए तड़पना छोड़ देता हूँ और तू मेरे लिए धड़कना छोड़ दे.

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मैं जो ख्वाब सजाती गयी
ज़िन्दगी उन्हें ख्वाब बनाती गयी..
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Socha tha ki woh bahut toot kar chahega hamein, 
lekin chaaha bhi humne aur toote bhi hum

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मुझे छोड़ कर वो खुश हे,तो शिकायत कैसी
और मै ,उन्हें खुश भी ना देख  शकु ,तो मुहब्बत कैसी

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Meri mout ki khabar dena unhe magar in alfaaz main
Tumhara barso ka jo armaan tha ab pura ho gaya...

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Main aaj bhi apne muqqadar se shart lagata hoon
Bhari barsaat main kagaz ki patang udata hoon..

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वो रोई जरुर होगी खाली कागज़ देखकर ज़वाब में..
जिंदगी कैसी बीत रही है पूछा था उसने 

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 किसी को मिल गया मौका, बुलन्दियों को छूने का,
मेरा नाकाम होना भी किसी के काम तो आया।

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तू हकीकत--इश्क है या कोई फरेब..
ज़िन्दगी में आती नहीं, ख़्वाबों से जाती नहीं…!

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काश तुम  भी हो जाओ तुम्हारी यादो की तरह..
वक़्त देखो बहाना... बस चले आओ.

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Nazar Mili Aur Unn Ki Aankh Jhuki... 
Bas, Itni Baat Thi  Aur Hum Barbaad Ho Gaye...

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Na Jaane Kis Gham Ko Chupaane Ki Tamanna Thi  Usko... 
Aaj Har Ek Baat Par Ha'nste Hue Dekha Usko..

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Kitni Ajeeb Judaai Thi Ki Tujhe Alwida Bhi Na Keh Saka... 
Teri Saadgi Mein 
Itna Fareb Tha Ki Tujhe Bewafa Bhi Na Keh Saka...

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"मुहब्बत ज़िंदगी बदल  देती है...
मिल जाए तो भी... ना मिले तो भी.."

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 सो जा दिल कि आज धुन्ध बहुत है तेरे शहर में ;
अपने दिखते नहीं और जो दिखते है वो अपने नहीं!

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Koi poochh raha hai mujhse meri zindagi ki qeemat,
 Mujhe  yaad aa raha hai tera 'Halka sa muskurana

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Aye Zindagi Mujhe Kuch Muskurahatein Udhaar De De,
"Apne" Aa Rahe Hai, Milne Ki Rasm Nibhani Hai...!!!

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मैं अपनी चाहतों का हिसाब लेने जो बैठ जाउ ...
तुम तो मेरा सिर्फ़ याद करना भी ना लौटा सकोगे ...

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अपनी कमजोरियों का ज़िकर
कभी ना करना दुनिया के सामने... 
सुना है लोग कटी पतंग को जमकर 
लूटा करते हैं...!!!

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किसी की  तलाश में ना निकलो यारों ,
 लोग खो नहीं जाते बदल जाते हैं !!

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Ye Saal Bhi Udaas Raha Rooth Kar Gaya
Tujh Se Mile Bagair December Guzr Gaya"

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Meri tanhai ko mera shouq na samajhna..
Bohot pyaar se diya hai ye tohfa kisi ne.

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Aye-khuda, kese bhula dete hain log teri khudayi ko, Mujse tera 
banaya hua ek insaan tak bhulaya nai jata

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उस की आँखों में आंसू थे मेरी खातिर,,,,,
वही इक लम्हा मुझे ज़िन्दगी से भी प्यारा लगा !!

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Usne Poochha, Kya Pasand Hai Tumhein?
Main Bahut Der Tak Usey Dekhta Raha..

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थक गया हूँ तेरी नौकरी से  
जिन्दगी,
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे.

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शायद इसलिए भारी था जनाजा गरीब का,
अपने सारे अरमान 
साथ  ही ले जा रहा था वो

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हमने तो अपनो को बदल जाते देखा है अकसर,
ये तो सिर्फ एक साल था...!!


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रुकी वक़्त की गर्दिश और ज़माना बदला... 
पेड़ सुखा तो परीन्दो ने ठिकाना बदला...!!!

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उन्होंने कहा, बहुत बोलते हो, अब क्या बरस जाओगे....!!
हमने कहा, चुप हो गए तो तुम तरस जाओगे..

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Kitni jhooti hoti hain mohabbat ki qasmein 
Dekho tum bhi zinda ho, main bhi zinda hun."

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बस तुम्हे पाने की तमन्ना नहीं रही ...
मोहब्बत तो आज भी तुमसे बेशुमार करते हैं...

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झूठ अगर यह है कि तुम मेरे हो, तो यकीन मानो,
मेरे लिए सच कोई मायने नहीं रखता…..!!
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जब भी लोगों के हँसते खिलखिलाते चेहरे देखता हुँ . . . .
बस एक ही दुआ करता हुँ कि इन्हे महोब्बत ना हो !!

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Is shahr mein jeene ke andaaz niraale hain,
honton pe lateefe hain aawaaz mein chhaale hain."

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बात ये नहीं है कि, तेरे बिना जी नहीं सकते,
बात ये है कि, तेरे बिना जीना नहीं चाहते...

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दिल चल एक सौदा कर लेते है.  
मैं उसके लिए तड़पना छोड़ देता हूँ 
और तू मेरे लिए धड़कना छोड़ दे

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ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा भी कितना अजीब है
शामें कटती नहीं, और साल पर साल गुज़रते चले जा रहे हैं....!!

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Koi maut se kaho hum se narazgi khatam kar le,
Woh bahut Badal gayi hai jis keliye hum jiya karte the.

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एक हसरत ये भी थीं तू मेरी हो जाए और एक ये भी . . . .
की जो तू चाहें वो पा जाए ।।

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मै कोई शौक से नहीं पीता इस मयखाने में,
मुझे बस होश में डर लगता है इस ज़माने में !

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यह कैसा इश्क है तेरा ,,
तुम से मिले और अपने सब छुट गये .. .

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हमारे इश्क की तो बस इतनी सी कहानी है,
तुम बिछड़ गए, हम बिख़र गए.
तुम मिले नहीं, और हम किसी और के हुए नहीं.

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